गुडग़ांव- देश की उन्नति में उद्यमियों का बड़ा योगदान रहा है। टाटा परिवार के योगदान को देशवासी कभी भी भुला नहीं पाएंगे। टाटा
समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा अपने प्रयासों से देश की आर्थिक स्थिति को अपने प्रतिष्ठानों के माध्यम से मजबूत करने में जुटे हैं। उनके जन्मदिन पर साईबर सिटी के विभिन्न क्षेत्रों में कई कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। वार्ड 16 के समाजसेवी विशाल कटारिया का कहना है कि 28 दिसम्बर 1937 को मुंबई में हुआ था। टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और उनकी पीढियों ने इसका विस्तार कर इसे और दृढ़ बनाया। रतन टाटा ने टाटा समूह के कई प्रतिष्ठानों को संभाला और बुलंदियों पर पहुंचाया।
प्रतिष्ठानों में श्रमिक समस्याएं भी आई, जिनका उन्होंने समाधान भी किया। प्रतिष्ठानों को आधुनिकतम बनाने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने सामाजिक क्षेत्रों में भी कई कल्याणकारी कार्य किए। कटारिया का कहना है कि सबसे बड़ा इस्पात कारखाना भी टाटा समूह के पास है। वह समाज की झूठी चमक-दमक से दूर ही रहते हैं और सादा जीवन उच्च विचार ही उनकी पूंजी है। वर्ष 2000 में केंद्र सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। कटारिया ने युवा उद्यमियों से आग्रह किया कि वे रतन टाटा के जीवन से प्रेरणा लेकर औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ें।
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