गुडग़ांव। एमपीजीएम संगीत अकादमी ने एसके कल्चरल एंड स्पिरिचुअल सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में आर्टिमिस अस्पताल के ऑडिटोरियम में सावन आयो री विषय पर वार्षिकोत्सव सुर मंथन का आयोजन धूमधाम से किया। कार्यक्रम के शुभारंभ अकादमी के गुरु एवं अध्यक्ष पंडित गीतेश मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि बृज चण्डीरमानी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम में संगीताचार्य पंडित विजय शंकर मिश्रा, डॉ. नीरजा शुक्ला, शिक्षाविद् डॉ. सविता उपाध्याय, डा. बीना मुक्तेश, अनीता गुप्ता, रानू शोब्ती, जोजी थॉमस आदि भी शामिल रहे। बृज चण्डीरमानी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज के समय में संगीत का हमारे जीवन में बड़ा ही महत्व है। गीतेश मिश्र ने कहा कि वह चाहते हैं कि छात्र केवल गायक ही न बने बल्कि वे गुणी भी बनें। केवल गाना ही काफ़ी नहीं है। गाना कैसे गाना है, अच्छा कैसे बनाया जाये, मीठे स्वर में कैसे गायें और हमेशा सुंदर कैसे गाएँ ये समझ अपने अंदर लाना भी आवश्यक है।
शिक्षाविद् डा. सविता उपाध्याय ने बताया कि संगीत अकादमी के छात्र-छात्राओं द्वारा गायन की विभिन्न प्रस्तुतियां भी दी गई। सावन को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में सावन से सम्बंधित शास्त्रीय रागों के साथ साथ सावन में गाए जाने वाले लोक संगीत झूला गीत, कजरी गीत तथा चित्रपट से चुने हुए सावन के मनमोहक गानों की प्रस्तुतियां भी कलाकारों ने दी। बाल कलाकारों की सरस्वती वंदना ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राधे कृष्ण के झूले का वर्णन करते हुए कलाकारों ने झूला गीत, वर्षा ऋतु तथा भाभी-ननद की नौंक-झौक भरी वार्तालाप में रचित कजरी ने श्रोताओं को खूब आनंदित किया। कलाकारों को आयोजकों ने पुरुस्कृत भी किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संगीतप्रेम शामिल हुए।