गुडग़ांवI आधुनिकता के इस दौर और बदलते परिवेश में महिलाओं ने कई आयाम स्थापित किए हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां महिला उच्च पदों पर आसीन न हों। सुनीता विलियम्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा
के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हुए वार्ड 16 के भावी निगम पार्षद उम्मीदवार समाजसेवी विशाल कटारिया का कहना है कि उनका जन्म 19 सितम्बर 1965 को अमेरिका में हुआ था। वह गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री के रुप में 194 दिन 18 घंटे रहकर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता अमेरिका में चिकित्सक भी हैं।
उन्होंने शारीरिक विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल की है, उसके बाद इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में भी एमएस की उपाधि हासिल की है। वर्ष 1998 में उनका अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हो गया था। बताया जाता है कि सुनीता विलियम्स ने अभी तक कुल 30 अलग-अलग यानों में 2770 उड़ाने भरी हैं। उन्होंने माइकल जे विलियम्स से विवाह किया है। कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर वह इस मुकाम तक पहुंची हैं। उन्हें कई मैडलों से भी सम्मानित किया जा चुका है। भारत सरकार ने वर्ष 2008 में विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उन्हें पदमभूषण से भी सम्मानित किया है। कटारिया ने युवाओं विशेषकर युवतियों से आग्रह किया है कि वे सुनीता विलियम्स से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें, ताकि वे देश व समाज का नाम रोशन कर सकें।
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