गुडग़ांवI देशवासी आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं, जिसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों व शहीदों को राष्ट्र याद भी कर रहा है। आजाद हिंद फौज के गुमनाम शहीदों को उनकी पहचान दिलाने का कार्य स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र श्रीभगवान फौगाट कई दशकों से करते आ रहे हैं। फौगाट कई जवानों का रिकॉर्ड खंगालकर प्रदेश सरकार को भी उपलब्ध करा चुके हैं, लेकिन उच्चाधिकारियों की इच्छाशक्ति के अभाव में यह रिकॉर्ड गुमनाम शहीदों के परिजनों तक नहीं पहुंच पा रहा है जिसके कारण इन परिवारों को सरकार की ओर से समुचित सुविधाएं पैंशन आदि भी नहीं मिल पा रही है। फौगाट का कहना है कि राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से ढूंढकर गुमनाम शहीदों का रिकॉर्ड तलाशकर प्रदेश सरकार को उपलब्ध करा दिया है। प्रदेश सरकार भी सभी जिलों के उपायुक्तों से कई बार आग्रह कर चुकी है कि इस रिकॉर्ड को संबंधित गुमनाम शहीदों के परिजनों तक पहुंचाया जाए।
केंद्र सरकार ने भी स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड ढूंढकर उनका इतिहास तैयार करने की जिम्मेदारी प्रदेश के इतिहासकार को दी है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार से उन्होंने मांग की हुई है कि इस रिकॉर्ड को जहां संबंधित जवानों के परिवारों तक पहुंचाया जाए, वहीं प्रदेश के गांव के गौरव पट्टों पर उनका नाम भी अंकित किया जाए। उनका यह भी कहना है कि पूरा देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन शहीदों के परिजनों को उनके शहीदों की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। वह कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों व विधायकों से भी भेंट कर आग्रह कर चुके हैं कि इस काम को आगे बढ़ाया जाए लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाय आज तक कुछ भी नहीं मिला है।
गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों की वास्तविक जीवनी तैयार करना भी कठिन हो रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति के गठन का कार्यकाल कई वर्षों पूर्व पूरा हो चुका है। उसके बाद से आज तक समिति का गठन नहीं किया जा सका है। यदि समिति का गठन किया गया होता तो इन गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी तैयार करना काफी आसान हो जाता। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों से आग्रह किया है कि गत माह प्रदेश सरकार द्वारा जारी पत्र पर कार्यवाही करते हुए गुमनाम शहीदों का रिकॉर्ड उनके परिजनों तक पहुंचाने का कार्य संपन्न कराएं।
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