गुडग़ांवI हिंदू पंचांग के अनुसार बुधवार से आषाढ़ माह प्रारंभ हो गया है, जो आगामी 13 जुलाई गुरु पूर्णिमा तक रहेगा। आषाढ़ माह में भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि आषाढ़ माह में भगवान शिव, विष्णुजी,
सूर्यदेव, मंगलदेव, मां दुर्गा और हनुमान जी की पूजा करने से दोगुना पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस महीने श्रीहरि की पूजा करने से
पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। उनका कहना है कि इस माह में नमक, छाता, आंवला और खड़ाऊं आदि का दान जरुरतमंदों को किया जाना चाहिए। अन्य वस्तुओं कादान भी किया जा सकता है।
उनका कहना है कि आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र भी आते हैं जिन्हें आषाढ गुप्त नवरात्र भी कहा जाता है और इसी माह में चातुर्मास प्रारंभ होता है। योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी भी आषाढ़ माह में ही आती हैं। मान्यता है कि आषाढ़ माह से अगले तीन महीने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व इस माह में स्नान का भी विशेष महत्व है। आषाढ़ माह कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि आषाढ़ माह में अधिकांश यज्ञ करने का विधान है। यज्ञ करने से तुरंत फल की प्राप्ति होती है।
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