गुडग़ांव। भारत देश देवी-देवताओं व ऋषि-मुनियों के देश के रुप में विश्व में विख्यात है। देशवासियों को अपनी आस्था के अनुसार देवी-देवताओं की आराधना करने का अधिकार भारतीय संविधान में भी दिया गया है। महापुरुषों व देवी-देवताओं की विशालतम प्रतिमाएं भी देश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गई हैं, जिनकी श्रद्धालु नियमित रुप से पूजा-अर्चना भी करते आ रहे हैं। इसी क्रम में प्रोजेक्शन मैपिंग एवं विजुअलाइजेशन टेक्नोलॉजीज में प्रयासरत बारको इंडिया ने राजस्थान के नाथद्वारा में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ बिलीफ पर साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की है।
प्रतिष्ठान के प्रबंध निदेशक राजीव भल्ला का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग नाथद्वारा में भगवान शिव की प्रतिमा का दर्शन करने के लिए प्रतिदिन आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए कामना भी करते हैं। उनकी धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए सायं के समय साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है। जिसके माध्यम से भगवान शिव के वास्तविक तत्व और इस ब्रह्मांड के साथ उनका संबंध उजागर कर एक आध्यात्मिकता की ओर एक दिव्य मार्ग प्रदर्शित किया गया है। प्रतिमा के मुख पर कथा के माध्यम से जीवन पर उपदेश देते हुए यह शो 30 मिनट तक चलता है और जिसमें कुल 24 बारको यूडीएक्स 4के40 प्रोजेक्टर्स का उपयोग किया गया है। उनका कहना है कि यह देश का अपनी तरह का पहला और एक फिक्स्ड प्रोजेक्शन मैपिंग शो है, जिसमें 4 हजार रिजोल्यूशन प्रोजेक्टरों को लगाया गया है। मिराज गु्रप के सीईओ संजय सिंह का कहना है कि भगवान शिव के बारे में इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को बहुत कुछ जानकारी भी मिलेगी। क्योंकि भगवान शिव सभी की धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं।
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