गुडग़ांव- किसानों, गरीबों व पिछड़े वर्ग के मसीहा सर छोटूराम की पुण्यतिथि पर साईबर सिटी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने गरीबों व किसानों के प्रति सर छोटूराम द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी दी। जाट कल्याण सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि सर छोटूराम एक साधारण परिवार में जन्में असाधारण व्यक्ति थे। उन्होंने जीवन पर्यन्त समाज व देश की भलाई के लिए कार्य किए। आज उन्हें हर कोई नमन कर रहा है। सर छोटू राम का कद एवं व्यक्तित्व बहुत बड़ा था। उनका देश और किसानों के लिए बहुत अहम योगदान रहा है। वह पंजाब प्रांत के सम्मानित नेताओं में से थे। उन्होंने 1937 के प्रांतीय विधानसभा चुनावों के बाद विकास मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने बताया कि उनका असली नाम रिछपाल था।
वह घर में सबसे छोटे थे, इसलिए उनका नाम छोटू राम पड़ गया। उन्होंने अपने गांव से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली में स्कूली शिक्षा ली। सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की। सर छोटू राम ने अखबार में काम करने से लेकर वकालत भी की। सर छोटूराम बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। वह अपनी सेलरी का एक बड़ा हिस्सा रोहतक के एक स्कूल को दान कर दिया करते थे। वकालत करने के साथ ही उन्होंने 1912 में जाट सभा का गठन किया। प्रथम विश्व युद्ध में उन्होंने रोहतक के 22 हजार से ज्यादा सैनिकों को सेना में भर्ती कराया। सर छोटूराम को साल 1930 में दो महत्वपूर्ण कानून पास कराने का श्रेय दिया जाता है। इन कानूनों के चलते किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिली। उनका निधन 9 जनवरी 1945 को हो गया था।
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