गुडग़ांवI हिंद की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी वीरेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए वरिष्ठ श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने कहा कि उन्होंने सशस्त्र कार्यवाही कर अंग्रेजी साम्राज्य को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया। इस प्रकार की कार्यवाही को उन्होंने अंग्रेजों के खिलाऊ विदेशों में रहकर किया था। आजाद हिंद फौज की स्थापना में भी उनकी मुख्य भूमिका रही थी। वह भारत कोकिला सरोजनी नायडू के भाई थी। उन्होंने बताया कि वीरेन्द्र नाथ चट्टोपाध्याय का जन्म ढाका
के एक प्रसिद्ध परिवार में 31 अक्तूबर 1880 को हुआ था।
उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय हैदराबाद में प्रोफेसर थे। उनके पिता ने उन्हें आईसीएस की परीक्षा पास करने के लिए उन्हें लंदन भेजा था। लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पाए तो उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी। राजनैतिक गतिविधियों को देखकर उन्हें लॉ कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद वह पूरी तरह से देश को आजाद कराने के आंदोलन में जुट गए। वह कम्युनिस्ट विचारधारा से भी प्रेरित रहे। रुस समर्थक क्रांतिकारियों के नेता के रुप में चट्टोपाध्याय ने मास्को की यात्रा भी की थी। लेनिन और ट्राटस्की से काफी प्रभावित हुए थे। उनका अधिकांश समय रुस में ही बीता। 2 सितम्बर 1937 को उनका निधन हो गया था। देश के युवाओं को वीरेंद्र नाथ चट्टोपाध्याय के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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