गुडग़ांव- फिल्म निर्देशक रामानंद सागर की जयंती पर साईबर सिटी के रंगकर्मियों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि धारावाहिक रामायण से उन्हें बड़ी प्रसिद्धि मिली। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रामानन्द सागर का जन्म अविभाजित भारत के लाहौर जिले के गांव असलगुरु में 29
दिसम्बर 1927 को एक संपन्न परिवार में हुआ था। देश विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। फिल्मों की ओर उनका झुकाव बाल्यकाल से ही रहा। उन्होंने राज कपूर की सुपरहिट फिल्म बरसात के लिए कहानी लिखी थी। रंगकर्मियों ने कहा कि उन्होंने सागर आर्ट कॉरपोरेशन का गठन भी किया था, जिसके तहत उन्होंने इंसानियत, कोहिनूर, पैगाम, आँखें, ललकार, चरस, आरज़ू, गीत और बगावत जैसी हिट फिल्में बनाईं। 80 के दशक में रामायण धारावाहिक का निर्माण भी किया और यह धारावाहिक लोगों के घर-घर तक पहुंच गया था।
उन्होंने कई टीवी कार्यक्रमों व धारावाहिकों का निर्देशन एवं निर्माण भी किया था।
रामायण के अलावा श्री कृष्णा, विक्रम बेताल, दादा-दादी की कहानियाँ, अलिफ़ लैला और जय गंगा मैया आदि काफी पंसद किए गए थे। उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों के संवाद भी लिखे। वर्ष 2001 में फिल्म जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। रंगकर्मियों ने कहा कि 87 वर्ष की आयु में 12 दिसम्बर 2005 को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया था। श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन में भी उनका बड़ा योगदान रहा था। रंगकर्मियों ने सिनेमा जगत में अपना भाग्य आजमाने वाले युवा कलाकारों से आग्रंह किया कि वे रामानंद सागर के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।
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