गुडग़ांवI विश्व रक्तदान दिवस प्रति वर्ष 14 जून को मनाया जाता है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा मंगलवार को विश्व रक्तदान दिवस पर जहां
स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया, वहीं रक्तदान के प्रति लोगों को जागरुक भी किया गया कि वे नियमित रुप से रक्तदान अवश्य करें ताकि दुर्घटना में घायल लोगों को समय रहते रक्त उपलब्ध कराया जा सके। वक्ताओं ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान माना जाता है। रक्त की कुछ बूंदें ही मरणासन्न व्यक्ति को जीवनदान दे सकती हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाने का सिलसिला शुरु किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी विभिन्न देशों में इस कार्यक्रम का आयोजन कर रक्तदान के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने का कार्य करता रहा है।
उन्होंने कहा कि रक्तदान कराने के लिए विभिन्न आधुनिक तकनीकों का उपयोग भी किया जा रहा है। दुर्घटनाओं व युद्ध की स्थिति में घायलों को रक्त उपलब्ध कराने के लिए ब्लड बैंक की स्थापना की हुई है। ब्लड बैंक का संचालन करने के लिए प्रदेश सरकारें व जिला प्रशासन तथा मानवता के क्षेत्र में कार्यरत रोटरी, लायंस, रेडक्रॉस व अन्य संगठन भी जुटे हैं। आपात स्थिति में ब्लड बैंक से पीडि़तों को रक्त की व्यवस्था होती रही है। उन्होंने आम लोगों से भी आग्रह किया कि यदि वर्ष में एक बार रक्तदान किया जाए तो शरीर में किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती। जो रक्तदान किया गया है, उसकी पूर्ति करीब 24 घंटों में हो जाती है। इसलिए रक्तदान करने से घबराना व झिझकना नहीं चाहिए।
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