गुडग़ांव। श्रीमदभागवत कथा का आयोजन धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं व धर्मप्रेमियों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीमदभागवत गीता के प्रसंगों श्रवण कर रहे हैं। इसी क्रम में सैक्टर 17ए हाउसिंग बोर्ड कालोनी में क्षेत्रवासियों के सहयोग से श्रीमदभागवत कथा का आयोजन चल रहा है। बरसाने वाली प्रिया किशोरी गीता के विभिन्न प्रसंगों का संगीतमय शैली में वर्णन भी कर रही हैं।
समाजसेवी राजेश पटेल व राजेश सिंह ने बताया कि कथा के तीसरे दिन कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा लोगों को उनके पापों से पापमुक्त कर देती है। जो व्यक्ति भागवत कथा आत्मसात कर लेता है, वह सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है। कथावाचक ने कहा कि जीवन में यदि मान, बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिला जाए तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई के कार्य करने चाहिए, लेकिन यदि जीवन में किंचित मात्र भी अभिमान आ जाता है तो वह पाप का भागीदार बना देता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अहंकार से भरे राजा परीक्षित ने जंगल में साधना कर रहे शमीक ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया। जिसके परिणामस्वरूप राजा परीक्षित को एक सप्ताह में मृत्यु का शाप मिला।
प्रिया किशोरी ने कहा कि जब-जब भगवान के भक्तों पर विपदा आती है तब भगवान उनके कल्याण के लिए सामने आते हैं। परीक्षित को भवसागर से पार लगाने के लिए भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट हो गए और श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर परीक्षित को अपने चरणों में स्थान प्रदान किया। उन्होंने महाभारत के कई प्रसंग भी सुनाए। कर्ण और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद को सुनाते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण ने कहा कि मृत्यु के बाद ऐसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। कहा जाता है कि भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया। नारायण की भक्ति में ही परम आनंद मिलता है। कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
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