गुडग़ांवI कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर ही इंसान का सबसे बड़ा धन है। जिस देश के लोगों का शरीर स्वस्थ रहेगा तो वह राष्ट्र भी उन्नति के शिखर पर पहुंच सकेगा। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान की विशेष भूमिका होती है, लेकिन आधुनिकता के इस दौर और बदलते परिवेश में खान-पान का प्रचलन ही बदल गया है। अच्छे खान-पान की जगह अब पाश्चात्य देशों के फास्ट फूड ने ले ली है। फास्ट फूड के प्रति देशवासियों का रुझान विशेषकर युवा वर्ग का बढ़ता ही जा रहा है। जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों ने भी देशवासियों को घेरकर रख दिया गया है। खाद्य पदार्थों, हरी सब्जियों में जिस प्रकार से रसायन मिलाए जा रहे हैं, उनसे स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। पेयजल भी अब शुद्ध नहीं रहा है। पेयजल में सीवरेज आदि के मिश्रण होकर आपूर्ति किए जाने की शिकायतें मिलती ही रही हैं।
आमजन को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने के लिए प्रति वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है और लोगों से आग्रह किया जाता है कि वे पौष्टिक आहार का ही इस्तेमाल करें ताकि वे स्वस्थ रह सकें। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े समाजसेवी आरसी कपिल का कहना है कि जुलाई 2017 में खाद्य एवं कृषि संगठन सम्मेलन के 40वें सत्र में अपनाएं गए विश्व खाद सुरक्षा दिवस के प्रस्ताव पर दिसंबर 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पना समर्थन व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पारित किया था, जिसको संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र की दूसरी समिति के समक्ष रखा गया, जिसे महासभा ने 20 दिसंबर 2018 को पारित कर दिया था कि प्रत्येक वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा। तभी से प्रतिवर्ष खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता आ रहा है।
इसका उद्देश्य है कि वैश्विक स्तर पर सभी केलिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित किया जाए। असुरक्षित खान की वस्तुओं के सेवन से कई प्रकार की बीमारियां भी हो जाती हैं। सुरक्षा दिवस मनाने का एक लक्ष्य यह भी है कि देशवासियों को पौष्टिक और संतुलित भोजन उपलब्ध कराया जाए। मिलावटी खाद्य वस्तुओं पर नियंत्रण लगाकर समाज के प्रति ऐसे कार्य करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाए। आम जन को पौष्टिक व संतुलित आहार के प्रति जागरुक भी किया जाए।
उनका कहना है कि कुपोषण की बढ़ती समस्या से बड़े ही नहीं, अपितु बच्चे भी विभिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और इसके चलते कई अमूल्य जान भी चली जाती हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति विभाग व अन्य संस्थाओं ने भी कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को पौष्टिक आहार के प्रति जागरुक किया। आपूर्ति विभाग का कहना है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ विभाग समय-समय पर कार्यवाही करता रहा है जो आगे भी जारी रहेंगी।
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