गुडग़ांवI बढ़ते प्रदूषण व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए प्लास्टिक व इससे बने उत्पादों को जिम्मेदार माना जाता रहा है। केंद्र व प्रदेश सरकारों ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई बार कदम उठाए हैं, लेकिन अधिकारियों की इच्छाशक्ति के अभाव में ये कदम सार्थक होते नजर नहीं आए हैं। आज भी बाजारों में प्लास्टिक से बने उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए इस बार नगर निगम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लास्टिक की बिक्री या इस्तेमाल करने वालों पर कार्यवाही की योजना बनाई है। इसके तहत 500 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। नगर निगम के हर जोन में दुकानदारों पर ये दोनों विभाग विशेष नजर रखेंगे। प्रशासन ने कल यानि एक जुलाई से यह कार्यवाही करने का मन बनाया है।
प्रशासन पिछले एक माह से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुटा बताया जाता है। इसके प्रति लोगों को समय-समय पर जागरुक भी किया जाता रहा है लेकिन जब समस्या का समाधान नहीं दिखाई दिया तो यह कार्यवाही करने की प्रशासन ने ठानी है। हालांकि इस दौरान प्लास्टिक के खतरों के प्रति आम लोगों को जागरुक भी किया जाएगा और नियम तोडऩे वालों के खिलाफ चालान आदि की कार्यवाही भी होगी। जो दुकानदार प्लास्टिक उत्पादों का भण्डारण कर लेते हैं उनके खिलाफ भी जुर्माना व सजा का प्रावधान रखा गया है। प्रशासन ने शहरवासियों व जिलेवासियों से भी आग्रह किया है कि वे बाजार सामान खरीदने जाएं तो कपड़े व जूट का थैला लेकर ही जाएं।
प्रशासन व अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं इस प्रकार के बैग उपलब्ध कराने में जुटी हैं। बड़ी संख्या में आम लोगों को निशुल्क बैग भी बांटे जा चुके हैं। जानकारों का कहना है कि प्लास्टिक की बोतलें, बैग, फूड पैकेजिंग, ईयर बग, गुब्बारों की स्टीक, सजावट वाले थर्माकॉल, प्लास्टिक पैकिंग आदि की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है। 100 माईक्रोन से कम वाले प्लास्टिक बैग पर भी पाबंदी है। केंद्र सरकार ने सभी प्रदेश सरकारों को आदेश दिए हैं कि प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। सरकार जिन उत्पादों पर रोक लगा रही है, उनका शहर में जबरदस्त स्टॉक है। बहुत से व्यापारियों ने तो अपना माल औने-पौने दामों पर निकालना शुरु कर दिया है।
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