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कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए नो मीन्स नो ने किया कार्यक्रम का आयोजन


गुडग़ांव। कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ को रोकने के लिए पोश अधिनियम लागू किया हुआ है। इस अधिनियम का कितना पालन होता है, इस सबको लेकर नो मीन्स नो संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ डा. पिंकी आनंद ने किया। संस्था के संस्थापक विशाल भसीन का कहना है कि इस कार्यक्रम में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल सहित विभिन्न संगठनों की प्रतिनिधि व महिला वक्ता भी बड़ी संंख्या में शामिल हुई।

पिंकी आनंद ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने और यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए पोश अधिनियम का प्रभावी ढंग से लागू करना बहुत जरूरी है। देश की कंपनियों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पोश अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करना ही होगा। स्वाति मालीवाल ने पोश अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने पर बल दिया। उनका कहना है कि यौन उत्पीडऩ अभी भी ऐसा विषय माना जाता है, जिसकी चर्चा समाज में खुले रूप में नहीं की जा सकती। यही कारण है कि अपने साथ हुए यौन उत्पीडऩ के मामलों की अधिकांश महिलाएं शिकायत ही नहीं दर्ज कराती। इसलिए संस्थानों को इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और महिलाओं को इससे निपटने का प्रशिक्षण देना चाहिए।

विपिन पचौरी ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी दर्शाती है कि कॉरपोरेट्स के परंपरागत विचारों में बदलाव आ रहा है। उन्होंने यौन उत्पीडऩ के मामलों की जांच करने वाली इंटरनल कमेटी के सदस्यों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर भी बल दिया, जिससे पूर्ण रूप से निष्पक्ष और मामले के सभी पहलों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा सके।

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