गुडग़ांवI शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बंदरों का आतंक बना हुआ है। बंदर झुण्ड के रुप में आते हैं और घरों में घुसकर न केवल फ्रिज आदि खोलकर खाद्य सामग्री लेकर चंपत हो जाते हैं, अपितु बच्चों को काट भी लेते हैं। बंदरों का आतंक शहर की कालोनियों में ही नहीं, अपितु औद्योगिक क्षेत्रों, जिला अदालत परिसरों व बाजार तक में भी देखने को मिल जाता है।
बच्चों व बड़ों को काटने की कई घटनाएं घटित भी हो चुकी हैं। बैगमपुर खटोला औद्योगिक क्षेत्र स्थित बहरामपुर में औद्योगिक इकाईयों में इन बंदरों के झुण्ड दिखाई देते हैं, जिससे कर्मियों में भी आतंक का माहौल बना रहता है। रेहड़ी पर खाद्य सामग्री बेचने वाले लोग भी इन बंदरों का शिकार बने नहीं रहते। कंपनी श्रमिकों का कहना है कि इन बंदरों ने ऐसा उत्पात मचाया हुआ है कि दोपहिया वाहनों की सीटें तक फाड़ देते हैं और चौपहिया वाहनों की छतों पर उछल-कूद मचाते रहते हैं। समाजसेवी राजेश पटेल का कहना है कि पिछले काफी समय से नगर निगम ने बंदर पकड़ो अभियान बंद किया हुआ है। जिसके कारण बंदरों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। बंदरों के कारण कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से आग्रह किया है कि बंदरों के प्रकोप से शहरवासियों व औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को निजात दिलाई जाए ताकि संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
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