NCR

खुले पड़े हैं मैनहॉल के ढक्कन, कभी भी हो सकती है कोई दुर्घटना


क्षेत्रवासी हैं परेशान, प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान
गुडग़ांव।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों का विकास कराने की जिम्मेदारी नगर निगम व जीएमडीए प्रशासन की है। नगर निगम व जीएमडीए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य बड़े स्तर पर करा रहे हैं, लेकिन देखने में आ रहा है कि जो आरसीसी की सीमेंटेड रोड बनाई जाती है, कुछ दिन बाद नाला आदि बनाने के नाम पर उसकी तोडफ़ोड़ शुरु कर दी जाती है जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सैक्टर 10 क्षेत्र में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है।

क्षेत्रवासियों सुरेंद्र प्रधान व अन्य लोगों का कहना है कि सैक्टर 10 में जहां सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, वहीं जगह-जगह पर गंदगी के ढेर सीवर ओवरफ्लो की समस्या व सीवरों के ढक्कन गायब होने की घटना से क्षेत्रवासियों को जूझना पड़ रहा है। सीवरेज का गंदा पानी गलियों व सडक़ों पर भर जाता है, जिससे पैदल निकलना भी क्षेत्रवासियों का दूभर हो गया है। इसकी शिकायत प्रशासन से कई बार की जा चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि 6 माह पूर्व बसई पुल के साथ-साथ करीब 100 मीटर पक्की कंक्रीट की सडक़ प्रशासन द्वारा बना दी गई थी, ताकि क्षेत्रवासियों को आने जाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, लेकिन अब इस सडक़ को तोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अब यहां पर नाला बनाया जाएगा।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब सडक़ बनाई जा रही थी तो क्या वहां पर नाला बनाया जाना प्रस्तावित नहीं था, क्या इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं थी, जो अब सडक़ तोडक़र सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और इसके कारण क्षेत्रवासियों को आने-जाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका यह भी कहना है कि जहां सडक़ तोड़ी जा रही है, उसके आसपास खाली जगह पड़ी हुई है, जिसे नाला बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए और जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन पर भी सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए।

क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि यह मामला गंभीर है। इस तरह की शिकायतें शहर के अन्य क्षेत्रों से भी आ रही हैं। मुख्यमंत्री को इस प्रकार संज्ञान लेना चाहिए और मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।

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