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मरणोपरांत परमवीर चक्र पाने वाले प्रथम सैन्य अधिकारी थे मेजर सोमनाथ शर्मा : अरुण शर्मा

गुडग़ांव: कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमाण्डर मेजर सोमनाथ शर्मा की जयंती पर कई संस्थाओं व
ब्राह्मण समाज के लोगों ने उन्हें याद किया। ब्राह्मण समाज के अजय शर्मा, पीपी शर्मा, सत्यदेव शर्मा, अश्विनी, अंकित, अरुण शर्मा एडवोकेट, आरडी शर्मा ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वर्ष 1947 में अक्टूबर-नवम्बर के दौरान भारत-पाक संघर्ष में उन्होंने भाग लिया था और 3 नवम्बर 1947 को श्रीनगर विमान क्षेत्र से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। युद्ध क्षेत्र में उनके इस साहस के कारण उन्हें मरणोपरान्त परमवीर चक्र भी मिला था।

परमवीर चक्र पाने वाले वह प्रथम सैन्य अधिकारी थे। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उनका जन्म 31 जनवरी 1923 को कांगड़ा में हुआ था। उनके पिता अमरनाथ शर्मा भी एक सैन्य अधिकारी थे। उनके परिजनों ने भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी हैं। उनके छोटे भाई विश्वनाथ शर्मा भारतीय सेना के 14वें सेनाध्यक्ष थे। सोमनाथ शर्मा ने देहरादून के प्रिन्स ऑफ वेल्स रॉयल मिलिट्री कॉलेज से सैन्य शिक्षा ली थी। उनकी नियुक्ति तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय सेना की 19वीं हैदराबाद रेजिमेन्ट की 8वीं बटालियन में हुई, जोकि बाद में भारतीय सेना के चौथी बटालियन, कुमाऊं रेजिमेंट के नाम से जानी जाने लगी। उन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी। वक्ताओं ने कहा कि उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि यही होगी
कि उनके दिखाए रास्ते पर सभी चलें।

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