साईबर सिटी आजकल बम-बम भोले के उद्घोषों से गूंज रही है। बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार व गौमुख से गंगाजल लाने के लिए गुडग़ांव से उत्तराखंड की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। मेवात, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व राजस्थान के शहरों से जाने वाले कावडिये गुडग़ांव
होकर ही उत्तराखंड व वापिसी में अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। शिव भक्तों में हरिद्वार व ऋषिकेश से गंगाजल लाने के लिए होड लगी है। कोरोना के 2 साल बाद कावडिये कावड़ लाने के लिए लालायित हैं। विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने कावडियों की सेवा के लिए कावड़ शिविरों की स्थापना करनी शुरु कर दी है। जहां पर उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उधर जिला प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर साईड की एक लेन कावडियों के लिए बनाई है ताकि कावडिये इस लेन से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। जिला प्रशासन ने कावडियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। शास्त्रों में भी उल्लेख है कि कावड़ यात्रा भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, काशी विश्वनाथ, नीलकंठ और देवघर आदि से गंगाजल भरकर, अपने-अपने स्थानीय शिव मंदिरों में शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इस बार शिवरात्रि 26 जुलाई की बताई जा रही है। हालांकि शिवरात्रि के आने में अभी समय है, लेकिन श्रद्धालुओं ने अभी से पूरी तैयारियां करनी शुरु कर दी हैं।
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