गुडग़ांव। भारतीय सिने जगत में महिला अभिनेत्रियों का भी बड़ा योगदान रहा है। हिंदी सिनेमा जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री ललिता पंवार ने फिल्म जगत को कई यादगार फिल्में दी हैं। उन्होंने रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण धारावाहिक में मंथरा की भूमिका का संजीव चित्रण किया था। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए शिक्षा व कला के क्षेत्र में प्रयासरत सविता उपाध्याय ने कहा कि उनका जन्म 18 अप्रैल 1916 को महाराष्ट्र के नासिक के निकट येवले में हुआ था। उनका वास्तविक नाम अंबा लक्ष्मण राव शागुन था। उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक लंबा सफर तय किया। उन्होंने भारतीय सिनेमा को परवान चढ़ते हुए देखा था। उन्होंने महिला जीवन के विविध आयामों को पर्दे पर निभाया। बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक विभिन्न स्त्री-छवियों में ललिता घुल-मिल गईं। भारतीय नारी के हर एक चरित्र में ढल गईं। ललिता पवार हिंदी सिनेमा में भारतीय नारी जीवन की एक महान् कलाकार थीं। इस क्रम में एक परंपरागत सास की छवि को उन्होंने इतना बखूबी निभाया कि यह उनकी पहचान ही बन गई।
उन्होंने फिल्मों में चरित्र प्रधान भूमिकाएं भी की थी। एक दुर्घटना के कारण उनकी आंखों की रोशनी भी खराब हो गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कई चरित्र प्रधान अभिनय करने लगी। उन्होनें 600 फिल्मों में अपनी भूमिका निभाई और उन्हें संगीत नाटक अकादमी का पुरुस्कार भी मिला था। फिल्म उद्योग ने उन्हें ज्यादा पुरुस्कार नहीं दिए और उन्हें विस्मृत भी कर दिया है, लेकिन इससे उनकी कला पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उनका निधन 24 फरवरी 1998 को पुणे में हो गया था। सविता उपाध्याय ने फिल्म क्षेत्र में किस्मत आजमा रहे कलाकारों से आग्रह किया कि वे ललिता पंवार जैसी चरित्र अभिनेत्री के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। क्योंकि ललिता पंवार ने कभी भी विषम से विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी थी।
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