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वास्तविक लाभ पाने का दिन है लाभ पंचमी शनिवार को कारोबारियों ने मनाई लाभ पंचमी

गुडग़ांव- कार्तिक शुक्ल पंचमी जिसे लाभ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। शनिवार को कारोबारियों व व्यापार के क्षेत्र में जुटे लोगों ने इस पर्व को मनाया। लाभ पंचमी को वास्तविक लाभ पाने का दिन भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख है कि कारोबारी अपने कारोबार का मुहूर्त आदि लाभ पंचमी को करते हैं। लाभपंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरू किया जाता है उसमें बहुत बरकत आती है। दूसरे
भगवत भक्ति के प्रभाव से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार इन पांचों विकारों के प्रभाव को खत्म करने के लिए भी लाभ पंचमी का विशेष स्थान है।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भगवान हमारे हैं, हम भगवान के हैं ऐसा मानने से भगवान में प्रीति पैदा होगी। हम भगवान की सृष्टि व उसके द्वारा बनाई हुई दुनिया में रहते हैं। तीर्थभूमि में रहने से पुण्य मानते हैं तो जहां हम-आप रह रहे हैं वह भूमि भी भगवान की है। जब भी भोजन करें, भगवान का सुमरिन करके ही करें। भगवान को मानसिक रुप से भोग अवश्य लगाएं। माता-पिता को जहां पर सहयोग दें, वहीं उनका मान-सम्मान भी करें। उनका कहना है कि अपने तन-मन, बुद्धि को विशाल बनाते जाओ। ऐसे कार्य किए जाएं, जिनमें सभी का कल्याण हो। निस्वार्थ रुप से जरुरतमंदों की सेवा करना ही हर किसी का धर्म होना चाहिए। मन को भटकने न दें। मन में जो सात्विक विचार
आते हैं, उनसे अन्य लोगों का भी भला करें, तभी लाभ पंचमी की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी।

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