गुडग़ांवI यदि लोग स्वस्थ हैं तो देश व प्रदेश अच्छा विकास कर सकता है। जिस देश के नागरिक ही स्वस्थ नहीं होंगे तो वह देश कभी
भी उन्नति नहीं कर सकता। आधुनिकता के इस दौर और बदलते परिवेश में स्वस्थ रहने के तौर-तरीके भी बदल गए हैं। आमजन पर पाश्चात्य सभ्यता व संस्कृति की छाप पड़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों पर ध्यान न देकर फास्ट फूड पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। प्रकृति ने हमें स्वस्थ रहने के लिए बहुत कुछ दिया है, लेकिन आमजन प्रकृति के उपहार से स्वयं को वंचित रखे हुए हैं। चिकित्सक भी रोगियों को सलाह देते हैं कि वे दवाईयों के साथ-साथ हरी सब्जियों का भी इस्तेमाल करें, ताकि वे स्वस्थ रह सकें। अधिक कमाने के लालच में हरी सब्जियों में भी रासायनिक खाद आदि का भी अधिक इस्तेमाल होने लगा है। जो आमजन के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित भी कर रहा है। डा. पंडित मनोज शर्मा का कहना है कि हरी सब्जियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
यदि नियमित रुप से इनका सेवन किया जाए तो बीमारियां आमजन के पास आएंगी ही नहीं। यानि कि वे पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे। डा. मनोज का कहना है कि लौकी औषधीय गुणों से भरपूर है। लौकी की गिनती भी हरी सब्जियों में की जाती है। इसके लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि लौकी के सेवन से जहां पेट में पेट में भारीपन नहीं रहता, वहीं यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है। लौकी का जूस भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। लौकी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वजन को कम करने में बड़ी सहायक होती है। लौकी पाचन संबंधी समस्याओं का उत्तम इलाज है, साथ ही यह एसिडिटी में भी लाभप्रद है। लौकी को भोजन में शामिल करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है। उनका कहना है कि डाइबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का सेवन एक प्रभावकारी उपाय है।
खाली पेट लौकी का सेवन करना बेहतर होगा। लौकी में भरपूर मात्रा में डायट्री फायबर, विटामिन ए, सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी3, बी6, मिनरल्स, कैल्शयिम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरुरी है। डा. मनोज का यह भी कहना है कि लौकी का प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है और वह आकर्षक दिखाई देती है। लौकी को भोजन में शामिल करने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बहुत आसानी से धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे हृदय संबंधी या कोलेस्ट्रॉल से होने वाली अन्य समस्याएं नहीं होती। इसके लिए लौकी का जूस एक आदर्श पेय माना जाता है।
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