गुडग़ांवI जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों पर हमला कर उन्हें मारने की घटनाओं का सिलसिला जारी है। गत दिवस भी
महिला शिक्षिका की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकवादियों की गोलियों से बेगुनाह कब तक मरते रहेंगे। केंद्र सरकार को इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनवरावृति न हो।
यह मांग सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष अधिवक्ता पंडित अरुण शर्मा ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री से की है। उनका कहना है कि आए दिन जम्मू कश्मीर में कश्मीरी ब्राह्मणों को आतंकवादी गोली का शिकार बना रहे हैं। इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि होने से ऐसा लगता है कि आतंकवादियों को कानून का कोई खौफ नहीं रहा है और उनके हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व कानून व्यवस्था की समीक्षा की जाने की जरुरत है।
विशेषकर कश्मीरी पंडितों को ही निशाना बनाया जा रहा है। उनकी कश्मीर में जान-माल और इज्जत सुरक्षित नहीं है। अधिकाश्ंा कश्मीरी पंडित देश के अन्य प्रदेशों में विस्थापित हो चुके हैं और जो कश्मीर में रह रहे हैं वे भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि मृतक शिक्षिका के पीडि़त परिवार को समुचित आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए तथा कश्मीरी पंडितों को लाईसेंसी हथियार भी उपलब्ध कराए जाएं ताकि वे अपनी जान-माल की रक्षा स्वयं कर सकें।
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