गुडग़ांव। सैक्टर 9ए क्षेत्र स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर परिसर में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं। कथा के 8वें दिन कथावाचक आचार्य कुलदीप पाण्डेय ने शिव पार्वती स्वरुप की व्याख्या करते हुए कहा कि जीव के अंदर श्रद्धा और विश्वास ही शिव पार्वती का साक्षात रुप होता है। भगवान के भक्त को कभी भी संशय नहीं करना चाहिए। भगवान हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। संशयात्मा विनष्यति यानि कि जो व्यक्ति संदेह करता है, उसका विनाश होता है। परमात्मा, गुरु व माता-पिता के प्रति श्रद्धा भाव रखना ही धार्मिकता का गुण है।
आचार्य ने कहा कि भगवान शिव कलयुग के साक्षात देवता है। पूजा-उपासना से वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। लोगों की उनके प्रति बड़ी आस्था है। भगवान शिव की लीला अपरंपार है। शास्त्रों में भगवान शिव और मां पार्वती को श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बताया गया है। कथा के उपरांत प्रतिदिन प्रसाद का वितरण भी मंदिर कमेटी द्वारा निर्बाध रुप से किया जा रहा है। कथा का श्रवण करने के लिए क्षेत्रवासी ही नहीं, अपितु शहर के गणमान्य व्यक्ति भी पहुंच रहे हैं और अपनी सामथ्र्यनुसार मंदिर कमेटी को सहयोग भी कर रहे हैं।