गुड़गांव। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। उधर प्रदेश सरकार ने भी सभी जिला उपायुक्तों को आदेश हुए हैं कि वे पटाखों की बिक्री और उनके चलाने पर प्रतिबंध के आदेशों का सख्ती से पालन कराएं और जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि वे इस ओर गंभीरता से ध्यान दें। सीएम फ्लाइंग टीम भी समय-समय पर छापामार कार्यवाही कर रही है।
टीम ने पिछले दिनों पटाखों के एक बड़े गोदाम पर भी छापामार कार्यवाही की थी और बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पटाखे व आतिशबाजी भी बरामद की थी, लेकिन इस सबके बावजूद भी चोरी-छिपे पटाखों की खरीद व बिक्री हो रही है। कानूनी पचड़े से बचने के लिए पटाखा विक्रेता भी अपनी ओर से पूरी सावधानी बरत रहे हैं। वे केवल जान-पहचान वालों को ही पूरी इंक्वारी करने के बाद पटाखे उपलब्ध करा रहे हैं, ऐसा लोगों का कहना है। क्योंकि करवाचौथ पर भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी-खासी आतिशबाजी होती देखी गई थी। गली-मौहल्लों में भी उच्च क्षमता वाले पटाखों की आवाज सुनाई देती आ रही है।
जानकारों का कहना है कि गुडग़ांव में भी पिछले सालों की तरह पटाखे नहीं बिक रहे हैं। लेकिन फिर भी आमजन तक पटाखे पहुंच ही रहे हैं। हालांकि आमजन को बढ़ी दरों पर पटाखे उपलब्ध कराने में भी लोग लगे हुए हैं। बताया जाता है कि गत वर्ष के बचे पटाखे चोरी-छिपे बेचे जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि दुकानदारों के यहां पटाखे उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन वे ऑन डिमांड पटाखे उपलब्ध कराने में भी पीछे नहीं हैं।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रीन पटाखे ही चलाने की अनुमति है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ग्रीन पटाखों की बिक्री के लाईसेंस लिए हुए हैं, लेकिन उसकी आड़ में आतिशबाजी व पटाखों की भी व्यवस्था वे करा रहे हैं, ऐसा लोगों का कहना है। हालांकि जिला प्रशासन ने पटाखों की बिक्री के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हैं। और अधिक सख्ती से इस अभियान को लागू किया जाना चाहिए और गली-मौहल्लों स्थित दुकानों पर भी चैकिंग किए जाने की जरुरत है।
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