गुडग़ांव- संगठन में बड़ी शक्ति है। संगठन के माध्यम से कर्मचारी व श्रमिक वर्ग अपनी समस्याओं को प्रबंधन के सामने रखकर समाधान करा सकते हैं और शोषण से संगठन कर्मियों को बचा सकता है। संगठन के अभाव में प्रबंध तंत्र भी निरंकुश हो जाता है। कर्मियों व श्रमिकों को संगठन की शक्ति का एहसास उन्हें स्वयं को भी होना चाहिए। इस कार्य मेें सरकारों को भी अपना नरम रवैय्या रखते हुए श्रमिक संगठनों के पंजीकरण आदि की औपचारिकताओं को सरल बनाना चाहिए। उक्त मांग भ्रष्टाचार उन्मूलन में जुटी क्राइम रिफार्मर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संदीप कटारिया ने की है।
उनका कहना है कि देश से जैसे जैसे संगठन खत्म हो रहे हैं, वैसे वैसे ही कामगारों और कर्मचारियों का शोषण होना भी शुरु हो गया है। उन्होंने एमेजॉन से निकाले गए कर्मचारियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि उनका संगठन मजबूत होता तो यह सब नहीं होता। हालांकि एमेजॉन के कर्मियों के संगठन ने श्रम मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया था। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि कर्मियों व श्रमिकों के हो रहे शोषण से उन्हें मुक्ति दिलाई जाए और उनके संगठनों को समुचित मान्यता भी दी जाए। यदि सरकार हस्तक्षेप करेगी तो प्रबंधन को भी बड़ी कार्यवाहियों का सामना करना पड़ेगा, जिससे श्रमिकों को समय रहते नौकरियां नहीं गंवानी पड़ेगी। प्रजातंत्र में संगठन का बड़ा महत्व है, जिसका वर्णन भारतीय संविधान में भी वर्णित है।
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