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देश आजाद होने के बावजूद भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वप्र रह गए हैं अधूरे

गुडग़ांव: देश की आजादी आंदोलन की गैर-समझौतावादी धारा के महानायक, महान देशभक्त, क्रांतिकारी योद्धा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 126वीं जयंती पर रविवार को ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन एवं ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर ने संयुक्त रुप से स्मृति सभा व नेताजी से जुड़ी प्रदर्शनी का आयोजन सैक्टर 14 स्थित पार्क में किया, जिसमें दोनों संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों व सदस्यों ने बढ़-चढक़र भाग लिया।

संगठन के उपाध्यक्ष कामरेड बजीर सिंह ने बताया कि सभा में मौजूद लोगों ने नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिला सचिव कामरेड राजेश गोस्वामी ने क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति देकर लोगों में देशप्रेम की भावना भर दी। शोषण, जुल्म, भेदभाव और दमन उत्पीडऩ के खिलाफ संघर्ष की शपथ भी ली गई। कामरेड श्रवण कुमार ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ देश के मुक्ति संग्राम में अदम्य साहस के साथ समझौताहीन संघर्ष किया था। जात-पात धर्म-संप्रदाय की दीवारों को समतल करते हुए सही जनवाद व धर्मनिरपेक्षता के झंडे को बुलंद किया था।

बलवान सिंह ने कहा कि नेताजी ने युवाओं को तर्क व विवेक से सोचने व महान आदर्श को जीवन में अपनाने पर जोर दिया था। लेकिन देश आजाद होने के बावजूद भी स्थिति बद से बदतर हो गई है। बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं। सरकार श्रम विरोधी कानून बनाकर श्रमिकों के अधिकारों का हनन करने में जुटी है। वक्ताओं ने कहा कि आज के हालात में नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके जीवन-संग्राम व आदर्श से सीख लेते हुए अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई जाए। जनजीवन के असल मुद्दों को लेकर हर स्तर पर जन कमेटियों का गठन किया जाए। जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार आंदोलन शुरु किया जाए। तभी नेताजी के अधूरे स्वप्र को साकार किया जा सकता है। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में सभा से जुड़े हेमराज, धर्मसिंह, सतीश अग्रवाल आदि भी शामिल रहे।

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