गुडग़ांवI भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सिद्धिविनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इसी दिन विघ्रहर्ता भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
श्रद्धालु उनके जन्म को गणेशोत्सव या गणेश जन्मोत्सव के रुप में भी मनाते हैं। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने सिद्धिविनायक चतुर्थी का व्रत रखकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित मंदिरों में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना करने वालों में महिला श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में दिखाई दी। ज्योतिषाचार्यों भी कहना है कि वैसे तो प्रत्येक मास की कृष्ण चतुर्थी को गणेश व्रत होता है।
लेकिन फिर भी माघ, श्रावण, भाद्रपद तथा मार्गशीष में इस व्रत का बड़ा ही महत्व है। व्रतधारियों को गणेश जी की पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए उनसे प्रार्थना करनी चाहिए। उनके सभी बिगड़े काम भी निर्विघ्र पूरे हो जाएंगे। श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान के अनुसार गणेश जी की पूजा-अर्चना कर जरुरतमंदों को दान आदि भी दिया और गणेश जी के प्रिय लड्डूओं का भोग भी उन्हें लगाया गया। भोग में इस्तेमाल किए गए लड्डूओं का प्रसाद के रुप में भी वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने अपनी सामथ्र्यनुसार दानादि भी किया।
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