गुडग़ांवI भारत त्यौहारों का देश कहा जाता है। माह में कोई भी दिन ऐसा नहीं है, जिसमें कोई न कोई पर्व न होता हो। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग इन पर्वों को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते आ रहे हैं। हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रुप में
मनाया जाता है। कहा जाता है कि विधि-विधान से पूजा करने पर श्रद्धालुओं की हर मनोकामना की पूर्ति होती है। सावन माह की दुर्गाष्टमी शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मां दुर्गा की पूरे विधि-विधान के अनुसार पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की। प्रात: से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने का तांता लगा हुआ था।
श्रद्धालुओं ने प्रात: दैनिक कार्यों से निवृत होकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की तैयारियां की। कुछ श्रद्धालुओं ने घरों पर ही मां दुर्गा की चौकी तैयार कर मां को अक्षत, सिंदूर और लाल फूल अर्पित किए। मां को फल व मिठाई का भोग भी लगाया गया। श्रद्धालुओं ने बड़ी ही आत्मीयता से मां दुर्गा की आरती भी की। कुछ श्रद्धालुओं ने दुर्गाष्टमी पर दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया, जिसमें परिजन व आस-पास के लोग भी शामिल हुए। श्रावण की दुर्गाष्टमी का बड़ा महत्व धार्मिक ग्रंथों में भी बताया गया है। माना जाता है कि मांग दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने पर श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है।
Comment here