गुडग़ांव : देश में धार्मिक ग्रंथों को लेकर समय-समय पर टीका-टिप्पणी होती रही है। जिससे समाज में वैमन्स्यता की भावना भी बढ़ जाती है। क्योंकि आमजन की इन टीका-टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इनका विरोध करने वाले भी मैदान में आ डटते हैं। जिससे समाज का ताना-बाना गड़बड़ाने का सदैव भय बना रहता है। पिछले दिनों बिहार प्रदेश के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर एवं उत्तरप्रदेश के पूर्वमंत्री व सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने धार्मिक ग्रंथ श्रीरामचरितमानस को लेकर तीखी टीका-टिप्पणी की थी। जिसका विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठन विरोध करते आ रहे हैं।
इसी क्रम में सामाजिक संस्था भारत रक्षा मंच ने आक्रोश मार्च का रविवार को आयोजन किया। सोहना चौक स्थित सिद्धेश्वर मंदिर से आक्रोश मार्च शुरु होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ सदर बाजार में संपन्न हुआ। मार्च में शामिल लोग हाथों में स्लाोगन लिखी पट्टियां लिए हुए थे। जिन पर लिखा था कि इस प्रकार की टीका-टिप्पणी धार्मिक ग्रंथों पर बंद कराई जाए और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। संस्था के सदस्यों ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी। क्योंकि इनसे असंख्य लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं और इन टीका-टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि समाज का ताना-बाना बिगाडऩे वाले व सौहार्दपूर्ण वातावरण को दूषित करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके।
समाजसेवी राजेश पटेल ने कहा कि यदि इस प्रकार की घटनाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता तो अन्य सामाजिक संस्थाएं भी अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए सडक़ों पर उतर आएंगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की ही होगी। आक्रोश प्रदर्शन करने वालों में रोहताश गुप्ता, अशोक ठाकुर, राजीव राठौड़, सुशील राजन, संजीव कुमार, रितेश, सुरेंद्र, विजय, अमित, अंकित आदि भी अन्य लोगों के साथ शामिल रहे। प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी दिखाई दी।


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