NCR

मामला नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकऱ प्रसारित करने का


अदालत सभी आरोपियों के उपस्थित न होने पर नहीं कर सकी आरोपियों पर आरोप तय
आरोपी दीपक के अदालत ने किए गैर जमानती वारंट जारी
अगली सुनवाई 3 मार्च को
गुडग़ांव।
नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर प्रसारित करने का मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत की चल रहा है। गत सप्ताह अदालत में 7 आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए, लेकिन 8वें आरोपी दीपक चौरसिया अदालत में पेश नहीं हुए। उनके अधिवक्ता ने हाजिरी माफी के लिए आवेदन करते हुए अदालत से आग्रह किया कि उनकी हाजिरी माफी की जाए। दीपक के अधिवक्ता ने अदालत में वह प्रमाण भी प्रस्तुत किया, जिसमें दीपक चौरसिया उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू लेने के लिए व्यस्त हैं। इसलिए वह अदालत में पेश नहीं हो सकते। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू पूरी तरह से गोपनीय था। उसको सार्वजनिक करना भी गलत है। जिस पर अदालत ने कार्यवाही करते हुए दीपक चौरसिया के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। इस मामले में आगामी सुनवाई के लिए 3 मार्च की तारीख निर्धारित कर दी है। इस मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार ने बताया कि आरोपी दीपक चौरसिया कीइससे पूर्व भी अदालत गैर जमानती वारंट जारी कर चुकी है, जिस पर आरोपी को अपनी जमानत करानी पड़ी थी। अदालत का मानना है कि इस मामले को दर्ज हुए 7 साल से अधिक हो चुके हैं। अभी तक आरोपियों पर आरोप तय नहीं किए जा सके हैं। अदालत इस 4 फरवरी की तारीख पर आरोपियों पर आरोप तय करने वाली थी, लेकिन 8वें आरोपी के अदालत में उपस्थित न होने के कारण आरोप तय नहीं हो सके हैं। आरोपी जानबूझकर मामले को लंबा खींचना चाहता है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकऱ अश£ील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।

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