आतकवाद बढाने से
भूखा मरता पाक देख अब,
आतकवाद बढाने से।
दर-दर ठोकर खा रहा है,
आतंकवाद बढ़ाने से।
ऐसी नौबत आई इसकी,
खुद अपने को कोष रहा।
दिन में तारे दिख रहे हैं,
बस आतंकवाद बढ़ाने से।
भूखा मरता पाक देख अब,
आतंकवाद बढ़ाने से।
अमेरिका ने इसे बढ़ाया,
चीन पाक के काम ना आया।
भारत मां को खूब सताया,
भारत को पहचान ना पाया।
भारत की पहचान से,
भूखा मरता पाक आज अब
आतकवाद बढ़ाने से।
भारत माता प्यारी माता,
शयम से सब काम करे।
सत्य अहिसा काम हमारा,
ना हिसा से काम करे।
ऐसा वतन हमारा भारत,
ना स्वार्थ मे काम करे।
हम है हिन्दुस्तानी ऐसे,
बस प्यार हमारा काम करे।
कहे मानवी हम ऐसे,
जीव -जान से प्यार करे।
लेकिन हमको जो सताये
हम उनके लिए अग्निपथ इन्सान बने
प्यार किया है प्यार सिखाया दफन करे गद्दारो
जिसने हमसे प्यार किया है।
हमने उनको गले लगाया है ।
शिवशकर के भक्त देश में
संसद में समझाते हैं।
राम नाम के भक्त आज सब
मन्दिर नया बनाते है।
राम- नाम की चादर औडे
बजरगी कहलाते है।
हमको ऐसे राम मिले है।
जो हिन्दुस्तान बढाते हैं।
राम -कृष्ण की खातिर अपना
जिन्दा हिन्दुस्तान है।
करो भलाई मिले भलाई
ना सिखा पाकिस्तान है।
दफन हो रहा पाक नाम अब
आतकवाद बढाने से
इसलिए मुहुताज़ हुआ है।
आतंकवाद बढाने से।
विनोद मानवी
महल चौक, जुरहरा, भरतपुर (राजस्थान)
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