गुडग़ांव। देश के पहले रक्षा प्रमुख यानि कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत की जयंती पर साईबर सिटी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा चुनाव प्रबंध कमेटी के जिला सह संयोजक व नगर निगम वार्ड 23 के भावी पार्षद उम्मीदवार विजय परमार ने उन्हें याद करते हुए उनकी बहादुरी के कई किस्से भी सुनाए। उन्होंने कहा कि जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वह भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर थे। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के पौड़ी में हुआ था। उनका परिवार कई पीढिय़ों से भारतीय सेना में सेवा देता आ रहा था।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में उन्होंने स्नातक की उपाधि प्रथम श्रेणी में प्राप्त की थी। मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन विषय में एमफिल की उपाधि भी ली थी। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन से की थी। वह भारतीय सेना में विभिन्न पदों पर भी रहे। 8 दिसम्बर 2021 को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत का निधन हो गया था। परमार ने सेना में कार्यरत सैन्य अधिकारियों व जवानों से आग्रह किया कि वे जनरल रावत के आदर्शों पर चलकर देश की सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान दें, ताकि पड़ोसी देश किसी प्रकार का दुस्साहस न कर सके।
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