गुडग़ांव: जलवायु परिवर्तन विभिन्न कारणों से प्रभावित रहा है और इसका सामना भारत को ही नहीं, अपितु विश्व के अन्य देशों को भी करना पड़ रहा है। ऋतुओं में हो रहे परिवर्तन से विभिन्न प्रतिकूल परिस्थितियां भी पैदा हो रही हैं, जिसके कारण विभिन्न बीमारियों का सामना भी आमजन को करना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकारें भी गंभीर हैं और वे इस दिशा में काम भी कर रही हैं। इसी क्रम में भौगोलिक सूचना प्रणाली क्षेत्र में कार्यरत एसरी इंडिया ने कार्बन उत्सर्जन के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हिंदी और अंग्रेजी में एक ऐप लॉन्च किया है।
इसके द्वारा कार्बन उत्सर्जन का अनुमान लगाने व उसमें कमी लाने की जानकारी भी मिल सकेगी। एसरी इंडिया के प्रबंध निदेशक अगेंद्र कुमार का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों, जैसे सूखा, बाढ़ और प्रजातियों के खत्म होने जैसी विपदाओं से बचने के लिए वर्ष 2050 तक वैश्विक कार्बन डायऑक्साइड को शून्य स्तर पर लाना ही प्रतिष्ठान का उद्देश्य है। यह ऐप इसमें काफी मददगार साबित होगा। उनका कहना है कि इस ऐप का इस्तेमाल बड़ा आसान है, इसमें उपभोक्ता को लॉग इन करने की जरुरत नहींपड़ती और साथ ही इसमें व्यक्तिगत सूचना भी डालनी नहीं पड़ती। इस ऐप से सामुदायिक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन के कारणों का अनुमान लगाने में भी मदद मिलेगी। प्रतिष्ठान स्थानीय प्रशासन के साथ इस ऐप को साझा करने की योजना भी बना रहा है, ताकि आम आदमियों को भी इसकी समुचित जानकारी हो सके। इस ऐप से कार्बन उत्सर्जन की जागरुकता भी बढ़ सकेगी।
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