गुडग़ांव- निगम प्रशासन ने सरकार के आदेशानुसार नगर निगम के पार्षदों को स्टाफ सहित कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हुई थी,
ताकि वे संबंधित वार्ड के निवासियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करा सकें, लेकिन अब इन सभी 35 वार्डों के निगम पार्षदों, मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का 5 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब निगमायुक्त ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि निगम पार्षदों को दिए गए लैपटॉप, मोबाइल, फर्नीचर आदि संसाधन वापिस जमा करा लें। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक पार्षद व नामित पार्षदों के पास क्या-क्या सामान है, उसकी लिस्ट बना लें और उसी के
अनुसार उनसे यह सामग्री वापिस भी मंगा लें। नगर निगम ने इन पार्षदों को करीब 105 स्टाफ मैंम्बर, सुपरवाईजर व कंप्यूटर ऑपरेटर दिए थे, अब पार्षदों के पास लगे स्टाफ को भी वापिस बुला लिया गया है।
वे अब क्षेत्र के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के अधीन कार्य करेंगे। जानकारों का कहना है कि क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए सिटीजन फेसीलिटिएशन सेंटर (सीएफसी), निगम पार्षदों के अधीन विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए थे। अब इनका चार्ज नगर निगम के आईटी मैनेजर ले लेंगे और वे ही इनके प्रभारी होंगे और सीएफसी के लिए जिम्मेदार होंगे। निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे निगम पार्षदों को दी गई सामग्री की सूची तैयार करा रहे हैं और उनसे आग्रह किया जाएगा कि उनके पास जो सामान नगर निगम का है उसे नगर निगम को वापिस करा दें।
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