गुडग़ांवI जरुरतमंद परिवारों के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाशचंद ने बताया कि उनके पास एक बच्चा यह गुहार लेकर आया कि उसके पिता का स्वर्गवास वर्ष 2015 व माता का स्वर्गवास 2021 में हो गया है। परिवार में वह अब अकेला ही रह गया है। प्रदेश सरकार के नियमानुसार उसने परिवार पहचान पत्र भी बनवाया है, जिसमें वह अकेला सदस्य ही है। कुछ समाजसेवियों के सहयोग से उसकी पैंशन प्रदेश सरकार ने बना दी थी, लेकिन पिछले कुछ समय से अज्ञात कारणों से वह बंद कर दी गई। अब उसे बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वह बीपीएल राशन कार्ड तथा बंद की गई पैंशन को शुरु करने की सरकारी कार्यालयों में गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी गुहार पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
अधिवक्ता का कहना है कि निराश्रित बच्चे की मांग को पूरा किया जाना बहुत जरुरी है। अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार के प्रिंसीपल सेक्रेट्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अन्य संंबंधित विभागों को भी पत्र भेजकर पीडि़त बच्चे की गुहार पर ध्यान देने का आग्रह किया है। अधिवक्ता का कहना है कि इस बच्चे की तरह अन्य बच्चे भी सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते नजर आते दिखाई देते हैं। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने बीपीएल कार्ड बनाने की बेवसाईट को गत एक वर्ष से बंद किया हुआ है। उनका कहना है कि यदि पीडि़त बच्चे को शीघ्र ही न्याय नहीं दिया गया तो उन्हें बच्चे को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
Comment here