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संगीतमय शैली में वामन अवतार, श्रीराम जन्म, श्रीकृष्ण जन्म व नंदोत्सव का किया वर्णन

गुरुग्राम। श्राद्ध पक्ष में पितरों व पूर्वजों की विशेेष कृपा पाने के लिए धार्मिक संस्था विश्व जागृति मिशन के तहत श्री गौरी शंकर मंदिर द्वारा सैक्टर 9ए स्थित मंदिर परिसर में श्रीमदभागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में महिला-पुरुष साधक कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं। कथाव्यास निधि नेहा सारस्वत (युगल  जोड़ी) ने वामन अवतार, श्रीराम जन्म, श्रीकृष्ण जन्म व नंदोत्सव प्रसंग का संगीतमय शैली में वर्णन करते हुए कहा कि श्री वामन भगवान विष्णु के अवतार है। त्रेतायुग के प्रारम्भ होने पर भगवान विष्णु वामन रूप में देवी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए। इसके साथ ही यह भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मानव रूप में प्रकट हुए। कथाव्यास ने कहा कि भगवान वामन ऋषि कश्यप तथा उनकी पत्नी अदिति के पुत्र थे। वह आदित्यों में 12वें थे। ऐसी मान्यता है कि वह इन्द्र के छोटे भाई थे। भागवत कथा के अनुसार विष्णु ने इन्द्र का देवलोक में अधिकार पुन: स्थापित करने के लिए यह अवतार लिया था।  राजा बलि से जल स्वीकारते भगवान वामनदेव ने अपना आकार इतना बढ़ा लिया कि पहले ही पग में पूरा भूलोक (पृथ्वी) नाप लिया। दूसरे पग में देवलोक नाप लिया। इसके पश्चात् ब्रह्मा ने अपने कमण्डल के जल से वामन के पाँव धोये। इसी जल से गंगा उत्पन्न हुई थी। उन्होंने कहा कि तीसरे पग के लिए कोई भूमि बची ही नहीं। राजा बली ने तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर प्रस्तुत कर दिया था। बधाइयों के साथ नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन पर श्रद्धालु खूब झूमे। कमेटी केे अध्यक्ष अधिवक्ता सुभाष ग्रोवर व आचार्य हरीश उपाध्याय का कहना है कि कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिला व पुरुष पहुंच रहे हैं। कथा के आयोजन में मंदिर कमेटी पूरा सहयोग कर रही है। दिन-प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़़ती ही जा रही है।