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आत्मरक्षा करने में महिलाओं के लिए कारगर साबित होगा मार्शल आर्ट : सुमित विरमन

गुरुग्राम। कराटे और किकबॉक्सिंग दोनों ही मार्शल आर्ट्स के हिस्सा हैं जो आत्मरक्षा के लिए कारगर साबित होते हैं। मार्शल आर्ट एक गुप्त हथियार की तरह है जिसे महिलाएं आत्मरक्षा के लिए अपने साथ रख सकती हैं। कराटे जहां आत्म-अनुशासन और कौशल का एक उदाहरण है तो वहीं किकबॉक्सिंग स्फूर्ति व शक्तिशाली प्रहार करने की एक कला है। आज के दौर में देश के युवा इन दोनों ही खेलों में अपना लोहा मनवा रहे हैं। उक्त बात जेन मास्टर सुमित विरमन ने मार्शल आर्ट के बादशाह ब्रूस ली की जयंती पर कल रविवार को डीएलएफ फेस 4 में आयोजित होने वाले बेल्ट टेस्ट पूर्व खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कैशोगुन मार्शल आर्ट्स स्पोर्ट्स कराटे किकबॉक्सिंग अकादमी महिलाओं के लिए कई कक्षाएं संचालित करती है, जहाँ वे मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेती हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, महिलाओं को आत्मरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल करके सुरक्षित रहना आना चाहिए। महिलाओं को जीवन कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मार्शल आर्ट उन्हें आत्मरक्षा करने में बड़ा कारगर साबित होता है। मार्शल आर्ट्स एक ऐसा हथियार है, जो नजर नहीं आता और ज़रूरत पडऩे पर एक बड़ा ब्रह्मास्त्र बन जाता है।