गुरुग्राम। अदालत के आदेश की अवमानना को लेकर बिजली निगम के खिलाफ उपभोक्ता ने अदालत में मामला दायर किया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज मनोज कुमार राणा की अदालत ने बिजली निगम के संबंधित अधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह आगामी 5 दिसम्बर को अपना जबाव दें।
ओल्ड दिल्ली रोड के कारोबारी उपभोक्ता ओमप्रकाश के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओल्ड दिल्ली रोड स्थित एक दुकान में कारोबारी ने बिजली का कनेक्शन किया हुआ था, लेकिन कोरोना के दौरान बिजली का बिल नहीं भरा जा सका, जिसे बिजली निगम ने 24 दिसम्बर 2021 को बिजली का कनेक्शन काट दिया था। कारोबारी ने बिजली विभाग से कनेक्शन काटने के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उस पर 5 हजार 896 रुपए बिजली के बिल का बकाया था। संबंधित क्षेत्र की बिजली निगम की एसडीओ ने उसे बताया कि वह बिजली का बिल जमा कर देगा तो उसका बिजली का कनेक्शन जोड़ दिया जाएगा। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने 16 दिसम्बर 2021 को पूरा बकाया बिल भर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी बिजली निगम ने उसका काटा गया बिजली कनेक्शन चालू नहीं किया। वह कई माह बिजली निगम के चक्कर काटता रहा। उसने बिजली निगम की एक्सईएन से भी गुहार लगाई, लेकिन फिर भी उसका बिजली का कनेक्शन नहीं जुड़ सका, जिससे उसका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ और उसे कारोबार बंद भी करना पड़ा। परेशान होकर उपभोक्ता ने 2 मई 2022 को अदालत में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर कर दिया। सिविल जज मनोज कुमार राणा की अदालत ने 31 मई 2022 को बिजली निगम को आदेश दिया कि उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन जोड़ दिया जाए, लेकिन उसके बावजूद भी बिजली निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उसका बिजली का कनेक्शन नहीं जोड़ा और उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि उसका बिजली का कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा। इस प्रकार बिजली निगम के अधिकारियों ने अदालत के आदेश की अवहेलना की है। अधिकारियों पर अदालत के आदेश की पालना न करने पर अवमानना का केस भी बनता है। जिस पर उपभोक्ता ने 4 सितम्बर 2023 को अदालती आदेश का पालन न करने का मामला दायर कर दिया। अदालत ने संबंधित एसडीओ व एक्सईएन को अदालत में तलब किया। तब कहीं जाकर 29 सितम्बर 2023 को उपभोक्ता का बिजली का कनेक्शन बिजली निगम द्वारा जोड़ दिया गया। अदालत में पेश हुई बिजली विभाग की एसडीओ को आदेश दिए कि आगामी 5 दिसम्बर को वे अदालत में अपना जबाव दाखिल करें, ताकि आगे की कार्यवाही हो सके। उधर उपभोक्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि उसने 16 दिसम्बर 2021 को 5 हजार 896 रुपए बिजली के बिल की राशि जमा कराई थी। उसके बाद बिजली निगम को उसका काटा गया कनेक्शन जोडऩा चाहिए था, लेकिन निगम ने ऐसा नहीं किया और उसका बिजली का कनेक्शन 29 सितम्बर 2023 को जोड़ा गया है। इसलिए उसे 16 दिसम्बर 2021 से 29 सितम्बर 2023 तक यानि कि 663 दिन उसका बिजली का कनेक्शन देरी से लगा। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सैक्शन 43९(3) के प्रावधान के अनुसार एक हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 663 दिन का 6 लाख 63 हजार संबंधित एसडीओ के वेतन से काटकर उसे दिए जाएं, क्योंकि बिजली कनेक्शन देरी से लगने से उसका कारोबार प्रभावित हुआ है।