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शक्ति सामंत को सर्वश्रेष्ठ फिल्म बनाने के लिए 3 बार फिल्मफेयर पुरुस्कार से किया गया था सम्मानित : राज चौहान


गुडग़ांव। भारतीय फिल्म जगत में फिल्म निर्देशकों व निर्माताओं का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने सैकड़ों यादगार फिल्म देकर देश ही नहीं, अपितु विदेशों में भी अपने निर्देशन का लोहा मनवाया है। इन्हीं में से एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत भी थे। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए गुडग़ंाव के फिल्म अभिनेता राज चौहान ने कहा कि शक्ति सामंत ने हावड़ा ब्रिज, अमर प्रेम, आराधना, कटी पतंग, कश्मीर की कली, अमानुष जैसी यादगार फिल्में बनाईं। उनका जन्म 13 जनवरी 1926 को बंगाल के बर्धमान नगर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून व कलकत्ता में हुई।

उन्होंने शिक्षा ग्रहण कर थियेटर का रुख किया और कई नाटकों में अभिनय भी किया। फिल्म जगत में अपना मुकद्दर आजमाने के लिए वह मुंबई आ गए थे, क्योंकि उन्हें पता था कि उनका अंतिम मुक़ाम यह कला-नगरी ही है। उन्होंने काफी संघर्ष किया। देश विभाजन के बाद बहुत से कलाकार पाकिस्तान चले गए थे। फिल्म इंडस्ट्री के लिए बुरा वक्त था। राज चौहान ने कहा कि दादा मुनि के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता अशोक कुमार से वह मिले और उन्होंने कुछ शर्तों के साथ बॉम्बे टॉकीज़ में रख लिया। वह बांगला भाषा में लिखे संवादों का हिंदी में अनुवाद किया करते थे। उन्होंने अभिनय करने के साथ-साथ फिल्मों का निर्माण व निर्देशन भी किया। उनकी सदाबहार फिल्मों के लिए उन्हें 3 बार सर्वश्रेष्ठ फिल्म बनाने के लिए फिल्मफेयर पुरुस्कार भी मिला। अपनी कला और प्रतिभा के माध्यम से फिल्म जगत में पहचान बनाने वाले शक्ति सामंत का 9 अप्रैल 2009 को मुंबई में 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। राज चौहान ने फिल्म जगत में प्रयासरत कलाकारों से आग्रह किया कि वे शक्ति सामंत के जीवन से प्रेरणा लेकर फिल्म जगत में अपना कैरियर बनाएं। सफलता अवश्य मिलेगी।

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