गुडग़ांव। सामाजिक संस्था भक्त प्रह्लाद मंडल द्वारा सैक्टर 7 एक्सटेंशन में श्रीमदभागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। मथुरा वृंदावन धाम के आचार्य बालयोगी महाराज ने वामन अवतार प्रसंग का संगीतमय शैली में वर्णन करते हुए कहा कि श्री वामन भगवान विष्णु के अवतार है। त्रेतायुग के प्रारम्भ होने पर भगवान विष्णु वामन रूप में देवी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए। इसके साथ ही यह भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मानव रूप में प्रकट हुए। कथा वाचक ने कहा कि भगवान वामन ऋषि कश्यप तथा उनकी पत्नी अदिति के पुत्र थे। वह आदित्यों में 12वें थे। ऐसी मान्यता है कि वह इन्द्र के छोटे भाई थे। भागवत कथा के अनुसार विष्णु ने इन्द्र का देवलोक में अधिकार पुन: स्थापित करने के लिए यह अवतार लिया था।
राजा बलि से जल स्वीकारते भगवान वामनदेव ने अपना आकार इतना बढ़ा लिया कि पहले ही पग में पूरा भूलोक (पृथ्वी) नाप लिया। दूसरे पग में देवलोक नाप लिया। इसके पश्चात् ब्रह्मा ने अपने कमण्डल के जल से वामन के पाँव धोये। इसी जल से गंगा उत्पन्न हुई थी। उन्होंने कहा कि तीसरे पग के लिए कोई भूमि बची ही नहीं। राजा बली ने तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर प्रस्तुत कर दिया था। वामन अवतार के रुप में विष्णु ने राजा बली को यह शिक्षा दी कि दम्भ तथा अहंकार से जीवन में कुछ नहीं मिलता। कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिला व पुरुष पहुंच रहे हैं। कथा के आयोजन में क्षेत्र के समाजसेवी विजय परमार, उनके सहयोगी पीके गुप्ता, राजेश पटेल व उनकी टीम पूरा सहयोग कर रही है। दिन-प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़़ती ही जा रही है।
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