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सकारात्मक विचारों की गति होती है कम, नकारात्मक विचार बढ़ा देते हैं मन की गति : बीके शिवानी



गुडग़ांव। धाम्रिक संस्था ब्रह्माकुमारीज द्वारा जिले के बिलासपुर स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में बैलेंसिंग लाइफ विद ब्लिसफुल सेल्फ विषय पर आयोजित 3 दिवसीय सम्मेलन का समापन रविवार को हो गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में व्यापार और उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए। वक्ताओं ने आध्यात्मिकता से जुड़े कई विषयों पर गहन चर्चा करते हुए कहा कि राजयोग का विशेष महत्व हमारे जीवन में है। संस्था की मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में रिएक्ट करने के बजाए रिस्पॉन्ड करना सीखें। योग हमें सिखाता है कि हमें किस प्रकार रिस्पॉन्ड करना है। योग मन को संयमित रखता है। योग की स्थिति का प्रभाव हमारे दिन भर चलने वाले कार्य व्यवहार पर पड़ता है। सकारात्मक विचारों की स्पीड कम होती है। नकारात्मक विचार मन की गति को बढ़ा देते हैं।

उन्होंने कहा कि मन के विचारों का प्रभाव दिल पर पड़ता है। बीमारियों का प्रमुख कारण मन के नकारात्मक और अनियंत्रित विचार हैं। शरीर का इलाज तो अवश्य करते हैं लेकिन मन के विचारों की गुणत्ता को ठीक नहीं करते। शरीर की अधिकतर बीमारियों का कारण मन ही है। आध्यात्मिकता हमारे विचार और दृष्टिकोण में परिवर्तन लाती है। आध्यात्मिकता हमें रिएक्शन के बजाए रिस्पॉन्ड करना सिखाती है। मन का प्रभाव वातावरण पर पढ़ता है। किसी भी स्थान का वातावरण वहां रहने वाले लोगों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संसाधनों का उतना ही उपयोग करें जितना जरूरी है। प्रकृति का सम्मान ही हमारी प्रकृति को स्वस्थ रखता है। आत्मिक शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रकृति का सदुपयोग बहुत जरूरी है। धन कमाने के साथ दुआएं कमाना भी जरूरी है।

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