गुडग़ांव- पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि का कहना है कि जगत जननी मां जगदंबा, महादेव हिंदू समुदाय
द्वारा स्वार्थी होने के कारण समुदाय से नाराज हो चुके हैं। धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख है कि जब देवता नाराज हो जाएं तो विनाश को रोकना
असंभव है। व्यक्ति, समाज और समूह का विनाश होने से पहले मति भ्रष्ट हो जाती है। जगत जननी मां जगदंबा ने देवी भागवत में स्पष्ट रुप से बताया गया है कि मैं जिसका विनाश चाहती हूं, उसकी मति को भ्रष्ट कर देती हूं। मति भ्रष्ट होने के बाद व्यक्ति, समाज या समूह नष्ट हो जाता है। महामंडलेश्वर का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि सनातन धर्मावबियों के रुप में हम सब जगत जननी मां जगदंबा और महादेव के क्रोध के शिकार हो चुके हैं।
इसी कारण हम अपने धर्म को छोडक़र पाखंड को अपनाकर बहुत तेजी से विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश, सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालुओं की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतू विश्व के सभी तीर्थस्थलों में जाकर विजय और समृद्धि की देवी मां बंगलामुखी व महादेव के महायज्ञ, योगेश्वर श्रीकृष्ण की श्रीमदभागवत गीता के ज्ञान यज्ञ का प्रचार-प्रसार किया जाए। इसकी शुरुआत भी कुरुक्षेत्र से की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि हिंदू बचाओ मोर्चा बनाने के लिए संतों से समर्थन व सहयोग मांगने के लिए वह आद्यात्मिक राजधानी हरिद्वार के लिए रवाना भी हो चुके हैं। वहां पर धर्म गुरुओं से इस बारे में चर्चा भी की जाएगी।
Comment here