गुडग़ांव- निचली अदालत के फैसले के खिलाफ बिजली निगम की अपील को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत ने खारिज कर निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें अदालत ने उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के आरोपों को गलत करार देते हुए उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि को वापिस करने के बिजली निगम को आदेश दिए थे। उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के गांव सिही के भूप सिंह पर बिजली निगम ने आरोप लगाए थे कि वह मीटर
बाईपास कर सीधे तौर पर बिजली की चोरी कर रहा है और उस 43 हजार 904 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था और उस पर दबाव बनाया गया था कि यदि उसने जुर्माना जमा नहीं कराया तो उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा।
इस डर से उपभोक्ता ने जुर्माना की राशि जमा कराकर बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था। वर्ष 2021 की 3 फरवरी को हरजीत कौर सिविल जज की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को खारिज करते हुए बिजली चोरी के आरोप को गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिए थे कि जमा कराई गई धनराशि 6 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए। बिजली निगम ने अदालत के आदेश को मानने की बजाय उच्च अदालत में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर कर दी थी। जिसका अदालत ने अब निपटारा कर दिया है और आदेश दिए हैं कि निचली अदालत के आदेश के मुताबिक उपभोक्ता को बिजली निगम जुर्माना की राशि 6 प्रतिशत ब्याज दर से लौटाए। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता बिजली निगम के खिलाफ मानहानि का दावा का केस दायर करने की तैयारियों में जुट गया है।
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