गुडग़ांव- स्व-परिवर्तन से विश्व-परिवर्तन ही ब्रह्माकुमारीज का मूल मंत्र है। ब्रह्माकुमारीज एक ऐसा संगठन है, जो मानव जीवन में सच्ची सुख-शांति के लिए कार्यरत है। उक्त विचार केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने धार्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम के बिलासपुर क्षेत्र स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में डे ऑफ ग्रेटिट्यूड विषय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमने भौतिक प्रगति तो की है लेकिन अपने आंतरिक स्वरूप भूल गए। मानव स्थूल पदार्थों में ही सुख-शांति की तलाश कर रहा है। जबकि सच्ची सुख और शांति
तो उसमें अंतर्निहित है। संस्था मानव को उसके असली स्वरूप से अवगत करा रही है।
आत्मिक अनुभूति ही वास्तव में सच्चे सुख और शांति का स्रोत है। डॉ. तपस्वनी प्रधान ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रमों से मन के विचारों को नियंत्रित करने की शक्ति आती है। बीके बृजमोहन ने कहा कि विश्व आज भयानक दौर से गुजर रहा है। न्यूक्लियर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में परमात्म शक्ति ही सबका सहारा है। आध्यात्मिकता मानव को निर्भय बनाती है। जब हम आत्मा के असली स्वरूप को समझ लेते हैं तो भय से मुक्त हो जाते हैं। केंद्र की निदेशिका आशा दीदी ने कहा कि ओम शांति रिट्रीट सेंटर केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का ही केंद्र नहीं है। बल्कि आधुनिक तकनीक की भी मिसाल है। कार्यक्रम में बीके गीता, बीके पुष्पा, बीके विधात्री, बीके हुसैन आदि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में संस्था से जुड़ी सदस्या भी मौजूद रही।
Comment here