गुडग़ांव- देश की केंद्र व प्रदेश सरकारें युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रयासरत हैं। हजारों नौकरियां पिछले दिनों योग्य युवाओं को दी भी गई हैं। बेरोजगारी देश की एक बड़ी समस्या है। जिस देश में बेरोजगारी अधिक समस्या है, वह देश विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़ ही जाता है। विश्व के अन्य देशों को भी बेरोजगारी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न देशों में रोजगार को लेकर नीतियां व कानून भी बनाए
गए हैं। इनका असर भारत में पडऩा भी लाजमी है। सरकार को बीच का रास्ता निकालते हुए बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना चाहिए। उक्त मांग भ्रष्टाचार उन्मूलन में जुटी क्राईम रिफार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. संदीप कटारिया ने केंद्र सरकार से की है।
उनका कहना है कि ट्विटर के डायरेक्टर एलन मस्क द्वारा जो कार्यवाही की गई है, उससे बेरोजगारी की समस्या और अधिक बढ़ जाएगी। इस कार्यवाही से भारतीय युवाओं का रोजगार भी प्रभावित अवश्य होगा। उनका कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए देश की सरकार ने अपने कानूनों में भी कुछ परिवर्तन अवश्य किए हैं। परिवर्तन करते समय सरकार को देश की बेरोजगारी का भी ध्यान रखना
चाहिए। डा. कटारिया का कहना है कि अमेरिका में लॉकडाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम बंद कर दिया गया था। भारत में अधिकांश कंपनियां अभी भी वर्क फ्रॉम होम को प्राथमिकता दे रही हैं।
यदि परिस्थितियां अनुकूल नहीं रही तो भारतीय कंपनियां भी अमेरिका की तरह वर्क फ्रॉम होम को कम कर सकती हैं। डा. कटारिया का कहना है कि अमेरिका और भारत में परिस्थितियां विपरीत हैं। अमेरिका में जहां श्रम कानून कोई विशेष नहीं है, वहीं भारत में श्रम कानून श्रमिकों के हितों को देखते हुए बनाए गए हैं। सरकार को श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों का सही ढंग से पालन कराना चाहिए, ताकि श्रम कानूनों का लाभ कर्मचारियों व श्रमिकों को मिल सके।
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