गुडग़ांवI देश के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों का बड़ा योगदान रहा है। क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश को आजाद कराया है। देशवासी कभी भी उनकी कुर्बानी को नहीं भुला पाएंगे। स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी जयदेव कपूर की पुण्यतिथि पर उन्हें वक्ताओं ने याद करते हुए कहा कि उनका जन्म 1908 को हरदोई उत्तरप्रदेश में हुआ था। उनका परिवार आर्य समाज से प्रभावित था।
उन्होंने बचपन में कुश्ती भी सीखी थी। शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही उनके क्रांतिकारियों शिव वर्मा व शचिंद्र सान्याल से संपर्क हो गया था और उनके द्वारार गठित हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन वह शामिल हो गए थे। बाद में वह चंद्रशेखर आजाद व भगत सिंह के सहयोगी भी बने थे।
उन्होंने आगरा में बम बनाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था। क्रांतिकारियों की बैठकों में वह बढ़-चढक़र भाग लेते थे। संसद में बम विस्फोट करने की साजिश में वह भी शामिल थे। जयदेव कपूर, शिव वर्मा व शिवराम राजगुरु ने तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन की हत्या करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए थे। उन्होंने बम बनाने का कारखाना उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में लगाया हुआ था। पुलिस ने उनकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लौहार भेज दिया गया था। लाहौर षडय़ंत्र केस के तहत जयदेव कपूर को काला पानी की सजा हुई थी। उन्हें 16 साल बाद यानि कि आजादी मिलने से कुछ साल पहले रिहा किया गया था। 19 सितंबर 1994 को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। वक्ताओं ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे क्रांतिकारियों के जीवन से प्रेरणा लें।
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