गुडग़ांवI निचली अदालत द्वारा धोखाधड़ी के एक मामले में एक आरोपी को सजा व 2 आरोपियों को बरी कर देने के फैसले के खिलाफ
सरकार द्वारा की गई अपील पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। आरोपियों के वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित अरुण शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में उद्योग विहार पुलिस थाना में सुखराली के साहिब राम सहरावत द्वारा चरण सिंह, नत्थूराम व जुगवीर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भादंस की धारा 420, 447, 467, 468 के तहत दर्ज कराया गया था। इस मामले में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आशीष आर्य की अदालत ने वर्ष 2017 की 13
जून को आरोपी चरण सिंह को पुख्ता सबूतों के आधार पर 3 साल की कैद की सजा सुना दी थी।
जबकि अन्य 2 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपों से बरी कर दिया था। दोषी चरण सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए जमानत प्राप्त कर ली थी। अधिवक्ता का कहना है कि सरकार ने सरकारी वकील के माध्यम से 3 जनवरी 2018 को जिला एवं सत्र न्यायालय में देरी से अपील दायर की थी और अपील में आग्रह किया गया था कि बरी किए गए दोनों आरोपियों को भी सजा दी जाए। अदालत ने सरकारी अपील पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है। जबकि एक आरोपी नत्थूराम की इस दौरान मौंत भी हो चुकी है। अदालत ने चरण सिंह की सजा को इस मामले में पर्याप्त माना है।
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