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श्रद्धालुओं ने नाग देवता की पूजा अर्चना कर नाग पंचमी का पर्व मनाया धूमधाम से

गुडग़ांवI  नाग पंचमी हिन्दु समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है। मंगलवार को श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपचंमी के रुप में मनाया गया। श्रद्धालुओं ने दैनिक कार्यों से निवृत होकर शहर के विभिन्न मंदिरों में नाग देवता की पूजा-अर्चना की और उन्हें दूध से स्नान भी कराया। मंदिरों में श्रद्धालुओं का नाग पंचमी के दिन तांता लगा रहा। कहा जाता है कि जन्म कुण्डली के सर्पदोष का निवारण नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से हो जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि हिंदू संस्कृति ने पशु-पक्षी, वृक्ष-वनस्पति सबके साथ आत्मीय संबंध जोडऩे का प्रयत्न किया है।

नाग को देव के रुप में माना गया है। नाग भगवान शिव के गले के हार हैं। जब भगवान शिव की पूजा की जाती है तो नाग देवता की स्वयं ही पूजा हो जाती है। उनका कहना है कि भारत देश कृषिप्रधान देश हैं सांप खेतों का रक्षण करता है। फसल को जीव-जंतु, चूहे आदि जो नुकसान पहुंचाते हैं, नाग देवता उनको अपना भोजन बनाकर फसलों को हरा-भरा रखते हैं। नाग यानि कि सांप, सामान्यत: किसी को अकारण नहीं काटता। उसे परेशान करने वाले व छेडऩे वालों को वह छोड़ता भी नहीं है। यानि कि उन्हें डस लेता है।
ज्योतिषाचार्यों का यह भी कहना है कि कुछ दैवी साँपों के मस्तिष्क पर अमूल्य मणि होती है।

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