गुडग़ांवI मेवात में अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही करने गए मेवात के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्रोई की अवैध खनन करने वाले माफियाओं ने डंपर से कुचलकर हत्या करने की घटना घटित हुई है। यह घटना यही दर्शाती है कि खनन माफियाओं में कानून का कोई खौफ नहीं रहा है। जानकारों का कहना है कि जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी का क्या होगा, इसका स्वयं अंदाजा लगाया जा सकता है। अवैध खनन का यह कारोबार राजनीतिक संरक्षण और नौकरशाही की मिलीभगत के बिना चल ही नहीं सकता। प्रदेश सरकार को इस ओर गंभीरता से सोचकर सख्त कार्यवाही करनी होगी। भले ही किसी के हित क्यों न प्रभावित होते हों। खनन माफिया का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। इस पर चोट करने की सख्त जरुरत है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री तथा पुलिस के उच्चाधिकारियों ने भले ही इस घटना के बाद खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दे दिए हों और कार्यवाही शुरु भी हो गई हो, लेकिन जब तक खुले दिल से और निस्वार्थ भाव से कार्यवाही नहीं की जाती तो इस सबका कुछ लाभ होने वाला नहीं है।
इसी प्रकार पुलिस के अधिकारी माफियाओं का शिकार बनते रहेंगे। मेवात पुलिस पर पहले भी हमले होते रहे हैं लेकिन किसी पुलिस अधिकारी की हत्या का यह पहला मामला मेवात क्षेत्र में है। यदि इन अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो आने वाले समय में पुलिस के उच्च अधिकारी भी इस प्रकार की अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए 100 बार सोचेंगे। जानकारों का कहना है कि अधिकारी इस प्रकार की सोच बनाएं, इससे पहले ही माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात से लेकर राजस्थान हरियाणा और दिल्ली तक फैली अरावली की पहाडिय़ों के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में खनन पर रोक लगाई हुई है।
लेकिन अवैध खनन फिर भी जारी है। जिसके कारण इस क्षेत्र की परिस्थितियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जहां पर्यावरण असंतुलित हो रहा है, वहीं प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। हवा की गुणवत्ता भी खराब होती जा रही है और भूजल स्तर भी खिसकता जा रहा है। हरियाणा में ही नहीं, अपितु उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी रेत और पत्थर के अवैध खनन की शिकायतें आती रहती हैं और कार्यवाही करने गए अधिकारियों पर हमले भी होते रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के ये अवैध कारोबार बिना राजनैतिक संरक्षण व नौकरशाही की मिलीभगत के बिना चल नहीं सकते। सरकार को पूरे मामलों की जांच कर कार्यवाही करने की सख्त जरुरत है। अन्यथा पुलिस के जांबाज अधिकारी डीएसपी सुरेंद्र सिंह की तरह माफियाओं की भेंट चढ़ते रहेंगे।
Comment here