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क्रांतिकारी बिजॉय कुमार सिन्हा को उनकी पुण्यतिथि पर श्रमिकों ने किया याद

गुडग़ांवI देश की आजादी में क्रांतिकारियों का भी बड़ा योगदान रहा है। बिजॉय कुमार सिन्हा के देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सरदार भगत सिंह व अन्य क्रांतिकारियों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध रहे थे। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए
श्रमिकों ने कहा कि सिन्हा भारतीय क्रांतिकारी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य रहे थे। उनका जन्म 17 जनवरी 1909 को कानपुर में एक बंगाली परिवार में हुआ था। सिन्हा ने क्रांतिकारियों के साथ मिलकर देश को आजाद कराने में इस्तेमाल होने वाले बमों को बनाने का प्रशिक्षण भी लिया था।

अन्य क्रांतिकारियों के साथ उन्हें भी कई बार जेल यात्राएं करनी पड़ी थी। लाहौर षडय़ंत्र केस में भी वह आरोपी रहे थे। क्रांतिकारियों जयदेव कपूर, शिव वर्मा व बटुकेश्वर दत्त से भी वह काफी प्रभावित रहे थे। उन्होंने भगत सिंह की फांसी को टालने का बड़ा प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं हो सके थे। वक्ताओं ने कहा कि देश आजाद होने बाद वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने उन्होंने 1962 में कानपुर से चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए थे। उनका निधन 16 जुलाई 1992 को पटना में हो गया था। श्रमिक वर्ग बिजॉय कुमार सिन्हा को अपना आदर्श मानता है।

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